27
Jul 2009
दूरियां नापते रहे और रास्ता कब ख़त्म हो गया पता ही नही चला,
अब तो बस चलना ही मंजिल है
उम्र बीत गई...जैसे भी
सर्द सी ठंडक गर्म सी आंच...तेरे एहसास की
और में जैसे एक पल पिघलता हूँ...फिर बन जाता हूँ
दो घड़ी बैठा हूँ तेरे ही प्रतिछाया के साथ
थक गया हूँ अब, लेकिन फिर भी में उठ चला
दूरिया नापते रहे ...
ये जिंदगी सा फैला आसमान, कमबख्त नीला ही सही
मेरी आँखों में तू
रोज नही अक्सर ही सही
चलो मिल कर चले ढूंढते है इस गगन का छोर
और तेरे नींद से जागने के बाद की वो हँसी,
रास्ता है अब
जिसमे,
बादल टूटे और पानी बरसा
कभी धुप की ख्वाहिश, पर तेज़ हवा का झोंका
आ चलें, आ चलें
में कह रहा हूँ ख़ुद से,
par तू तो नही बस में ही हूँ इस सफर में
अब लोग कहते है मुझ से
मंजिलो की तलाश में रास्ता सा तू बढ़ चला
दूरिया नापते रहे और रास्ता कब ख़तम हो गया पता ही नही चला ...
ईच्छाओं को अब जीना है
तेरे बिना ही सही
रुक गया हूँ अब, नए ख्वाहिशों की दौड़ नही
शांत है मन अब और साँस आने सी लगी
करता हूँ फिर से में आज गुजरे हुए समय को याद
कल था तू, में हूँ आज
बहने लगा में बहने लगा,
ऐसे की किनारा अब नजर आने लगा
भूत की कालिमा में छुपा वर्तमान अब दिख चला
दूरियां नापते रहे और रास्ता कब ख़तम हो गया पता ही नही चला ...
अब तो बस चलना ही मंजिल है
उम्र बीत गई...जैसे भी
सर्द सी ठंडक गर्म सी आंच...तेरे एहसास की
और में जैसे एक पल पिघलता हूँ...फिर बन जाता हूँ
दो घड़ी बैठा हूँ तेरे ही प्रतिछाया के साथ
थक गया हूँ अब, लेकिन फिर भी में उठ चला
दूरिया नापते रहे ...
ये जिंदगी सा फैला आसमान, कमबख्त नीला ही सही
मेरी आँखों में तू
रोज नही अक्सर ही सही
चलो मिल कर चले ढूंढते है इस गगन का छोर
और तेरे नींद से जागने के बाद की वो हँसी,
रास्ता है अब
जिसमे,
बादल टूटे और पानी बरसा
कभी धुप की ख्वाहिश, पर तेज़ हवा का झोंका
आ चलें, आ चलें
में कह रहा हूँ ख़ुद से,
par तू तो नही बस में ही हूँ इस सफर में
अब लोग कहते है मुझ से
मंजिलो की तलाश में रास्ता सा तू बढ़ चला
दूरिया नापते रहे और रास्ता कब ख़तम हो गया पता ही नही चला ...
ईच्छाओं को अब जीना है
तेरे बिना ही सही
रुक गया हूँ अब, नए ख्वाहिशों की दौड़ नही
शांत है मन अब और साँस आने सी लगी
करता हूँ फिर से में आज गुजरे हुए समय को याद
कल था तू, में हूँ आज
बहने लगा में बहने लगा,
ऐसे की किनारा अब नजर आने लगा
भूत की कालिमा में छुपा वर्तमान अब दिख चला
दूरियां नापते रहे और रास्ता कब ख़तम हो गया पता ही नही चला ...
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