अनमोल पानी
पानी पानी
बूंदों सा बरसता पानी
जीवन का आधार है पानी

पर मनुष्य के स्वार्थ से
आज हर तरफ़ है दूषित पानी
प्रकृति की अनमोल धरोहर
जिसपर है जीवन निर्भर
ओस सा निर्मल , अग्नि सा तेज़ और वायु सा बहता पानी
बादलों में छुपा
बर्फ बनकर
वर्षा का बरसता पानी
पानी पानी

बूंदों सा बरसता पानी
जीवन का आधार है पानी

सुबह की सर्दी में
सूर्य उदय के समय
नन्ही नन्ही सी ओस की बूंदे
जगमगाए जब प्रकाश से
इन्द्रधनुष सा आभास देती
मन में भरती प्रेरणा, उमंग, और उल्लास कुछ करने का
जीवन में आगे बढ़ने का
जल की वे नन्ही बूंदे
पानी पानी

बूंदों सा बरसता पानी
जीवन का आधार है पानी

वर्षा में जो मोर नचाये
जिसमे सींचकर बीज पौधा
और फिर
वृक्ष बन जाए
आसुत जल सा मीठा वो पानी
जिसमे घुला रस फूलों से पी कर भंवरा
पंख फैलाये उड़ जाए
पानी पानी

बूंदों सा बरसता पानी
जीवन का आधार है पानी

पर्वत , पेड और झरने
फिर एक अविरल सा प्रवाह
समय सा बहता , सोच सा दूरगामी
जीवन बांटती धारा है ये पानी

बहती जलधारा कोएल सा राग सुनाये
जिसे सुनकर प्रकृति मुस्कुराये
आओ मिलकर संकल्प का अनुनाद गुंजाये
इस पानी को स्वच्छ बनाये
पानी पानी

बूंदों सा बरसता पानी
जीवन का आधार है पानी






3 Responses
  1. रेगिस्तान को हरा बनाओ, पानी की बूंद बूंद बचाओ

    Harit Rajasthan



  2. A man Says:

    Aaap sabhi ka dhanyavad tipni karne ke liye. Mai bhi aasha karta hoon ki aise he kavya jagat mai apne yogdan deeta rahunga.


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